
लग्न में स्थित गुरु सवालाख दोषों का हनन करता है -
Jul 16
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लग्न में गुरु स्थित है तो सवालाख दोषों का हनन होता है। ऐसा आपने भी पढ़ा है और समझा भी है। वर्त्तमान समय में ज्योतिष के प्रत्येक योग, दोष आदि के विषय में उचित शब्दों का प्रयोग न करते हुए मजाक बनाया जा रहा है और हम और आप में से ही कुछ लोग उन्हें बढ़ावा दे रहे है।
उपरोक्त पंक्ति या विषय को भी बिना समझें बस एक धारणा बना ली है। पुस्तकों में बहुत से सिद्धांत दिए गए है लेकिन ये आपके विवेक पर निर्भर करता है कि आप देश, काल और परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए कब किस सिद्धांत का उपयोग करें।
ज्योतिष का मजाक बनाना आसान है लेकिन विषय को समझना बहुत मुश्किल है। इसमें गलती वर्त्तम ान ज्योतिषयों की भी है। धनार्जन के चलते नित्य उपाय बताते है कभी हाथ पर लिखे, कभी शीशे पर तो कभी कपड़ों पर लिखें आदि कई प्रकार के निरर्थक उपाय बताये जाते हैं।

इसका तात्पर्य ये हुआ की दिन की शुरुवात अखबार पढ़ कर नहीं करनी चाहिये बल्कि ये सब उपाय सबसे पहले करने चाहिए।
अब आते है उपरोक्त विषय पर और समझते है की गुरु किस तरह सभी दोषों का हनन करते है। दोष और योग पत्रिका में बनते ही है, बल्कि मैं तो कहूँगी की सबकी ही पत्रिका में बनते है क्यूंकि अगर ग्रह एक दुसरे के साथ स्तिथ है तो कोई न कोई योग या दोष तो बनेगा ही बनेगा।
गुरु कैसे इन सबको दूर करते है-
गुरु विवेक है।
गुरु ज्ञान है।
गुरु दूरदृष्टि है।
गुरु विस्तार है।
गुरु विकास है।
गुरु भाग्य है।
गुरु सुख है।
संघर्ष और चुनौतियाँ जीवन का हिस्सा है लेकिन विवेक के बल पर ही इन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। संघर्ष सभी के जीवन में है इसके लिए पत्रिका देखने की भी आवश्यकता नहीं है। संघर्ष को सिर्फ पत्रिक ा के छठे भाव तक सीमित न करें। गुरु का विस्तार करें यानि विवेकशील बने।
गुरु अगर लग्न में हो तो जातक विवेकी होता है और फिर चाहे कितनी भी दोष हो, परेशानी हो जीवन में जातक धैर्य और सहनशीलता के साथ उनका सामना करता है। गुरु लग्न में स्थित होकर पंचम, सप्तम एवं नवम को दृष्टि देता है जहां से जीवन के लगभग सुख प्राप्त किया जा सकता है।
कुछ ज्योतिषी इस विषय पर कहते हैं कि बाकि ग्रह सो गए है क्या या छुट्टी पर गए है। तो सबसे पहले तो उन सभी ज्योतिषियों से मेरा अनुरोध होगा की अपनी स्वयं की भाषा पर ध्यान देने की आवश्यकता है। पहले उनको स्वयं भाषा शैली को बेहतर बनाने के लिए उत्तम ज्ञान की जरूरत है वो शिक्षा से ही संभव है।
उम्मीद है की आप सब गुरु के लग्न में स्तिथ होने के प्रभाव को भली-भांति समझ गए होंगे।